काले धन : स्विट्जरलैंड सरकार ने पेश किया विधेयक

नई दिल्ली. बुधवार को स्विट्जरलैंड सरकार ने काले धन से सम्बंधित जानकारी साझा करने के उद्देश्य से एक विधेयक पेश किया. स्विट्जरलैंड में स्थित कर प्रशासनिक सहायता अधिनियम, स्विस बैंक में जमा काले धन की जानकारी साझा करने की अनुमति किसी को नहीं देता है, लेकिन स्विस सरकार ने इसके विरुद्ध एक विधेयक को पेश कर इस जानकारी को साझा करने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण कदम उठाया है. साथ ही इस कदम से भारत सरकार को भी काफी फायदा होगा. स्विस सरकार फेडरल काउंसिल ने बुधवार को जारी एक बयान में बताया कि कर प्रशासनिक सहायता अधिनियम में संशोधन करने की योजना की गई है.

स्विस सरकार ने कहा, फेडरल काउंसिल ने कर प्रशासनिक सहायता अधिनियम में संशोधन पर विचार विमर्श करना भी शुरू कर दिया है. यदि कोई भी अन्य देश किसी भी माध्यम से या सार्वजनिक स्त्रोतों से चोरी किया हुआ डाटा प्राप्त करता है तो उसके द्वारा किये गए अनुरोध का जवाब देना संभव हो सकता है. इस घोषणा के बाद भारत सरकार को एक बड़ी उम्मीद बंधी है कि वह उन भारतीयों की जानकारी जुटा सकता है जिनका कालधन स्विस बैंकों में रखा है. आपको बता दे कि पिछले वर्ष एचएसबीसी बैंक के जेनेवा कार्यालय में कार्यरत एक कर्मचारी ने यह से दस्तावेज चोरी कर यह जानकारी देने की कोशिश की थी.

और यह चोरी किया गया डाटा फ्रांस सरकार के पास भी पहुंच गया था और इस डाटा को बाद में भारत सरकार को सौंपा गया था. और भारत के वित्त मंत्री अरूण जेटली ने तब काला धन रखने वाले कुछ व्यक्तियों के नाम संसद के बजट सत्र के दौरान सार्वजनिक किए थे, लेकिन उसके बाद से ही विपक्ष लगातार इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमले करता आ रहा.

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