कोरोना फैलने के खतरे को कम करने के लिए किया जाने वाला है ये काम

भारत को पूरी तरह से कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया है. वही, अस्पतालों के कोविड वार्ड में अब बहुत जल्द नर्स और वार्ड ब्वाय की जगह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से युक्त ह्यूमनॉइड (मानव सदृश) रोबोट दिखाई देंगे. यह रोबोट नर्सिंग के अधिकांश काम कर सकने में दक्ष होगा. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआइटी), जमशेदपुर के विज्ञानी इस प्रोजेक्ट पर काम करने में जुटे हुए हैं. पढ़े और शेयर करें जमशेदपुर से जागरण संवाददाता वेंकटेश्वर राव की रिपोर्ट.

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कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज व देखभाल में जुटे हेल्थकेयर स्टाफ को संक्रमण से बचाने के मकसद से इस रोबोट को बनाया जा रहा है. एनआइटी, जमशेदपुर के इंजीनियरों की कोशिश है कि रोबोट अस्पताल में मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों के बीच सेतु की तरह काम करे. इससे डॉक्टरों, नर्सों और अन्य पैरा-मेडिकल स्टाफ को हर जरूरत के लिए बार-बार मरीज के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और बिना मरीजों के सीधे संपर्क में आए ज्यादा से ज्यादा काम को संपन्न कराया जा सकेगा.

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आपकी जानकारी के ​लिए बता दे कि रोबोट की बड़ी खासियत इसका आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस भी होगा. ह्यूमनॉइड (मानव सदृश) रोबोट को नर्सिंग के विभिन्न कार्यों को संपन्न करने के लिए प्रोग्राम किया जा रहा है. एनआइटी के मैकेनिकल विभाग के प्रोफेसर डॉ. विजय कुमार डल्ला की देखरेख में यह शोध चल रहा है. बकौल प्रोफेसर कुमार, इस शोध को पूरा करने में दो से तीन माह का समय लगेगा. हेल्थकेयर में यह शोध महत्वपूर्ण साबित होगा. विभिन्न कंपनियां इस प्रोजेक्ट पर फंडिंग करने को भी तैयार हैं.

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