मकर संक्रांति पर सूर्य देव करेंगे मनोरथ पूर्ण

हर बार की तरह ही इस बार भी मकर संक्रांति का पुण्य पर्व दो दिन मनाया जाएगा। दरअसल मान्यता के चलते तो ऐसा होगा ही कई लोग 14 जनवरी को संक्रांति का पर्व मनाऐंगे। मगर ज्योतिषीय मान्यताओं में संक्रांति का काल 15 जनवरी से ही माना जाएगा। दरअसल पौष मास में सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा और इसी के साथ यह पर्व मनाया जाएगा। दरअसल कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि पर्व का स्पर्श 14 जनवरी की शाम को लग जाएगा लेकिन तिथि सूर्योदय के स्पर्श के अनुसार 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी।

जिसके कारण संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति पर पुण्यलाभ हेतु स्नान, दान, और सूर्य को अध्र्य देने का विशेष महत्व है। इस दिन तिल का दान दिया जाता है। मान्यता है कि इस दान से व्यक्ति को सभी दोषों से मुक्ति मिलती है और वह ऋण मुक्त हो जाता है। संक्रांति का पर्व सूर्य देव की आराधना का पर्व है। इस दिन ऊं घृणिं सूर्य: आदित्यः का मंत्रजाप करना बेहद आवश्यक है।

कहा जाता है कि भगवान सूर्य से इस दिन मनचाहा वरदान मांगा जा सकता है। सूर्य देव मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। ऊं हृीं हृीं सूर्याय सहस्त्रकिरणाय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा मंत्र जाप करने से सभी मनोकामनाऐं पूर्ण होती हैं। भगवान श्री सूर्य देव यश, कीर्ति, संपन्नता, समृद्धि का वरदान देते हैं। वे सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। 

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