गुजरात दंगों को लेकर मोदी पर आरोप लगाने वाले भट्ट की याचिका खारिज

नई दिल्ली : गुजरात के पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को लेकर सर्वोच्च न्यायालय की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया। संजीव द्वारा याचिका में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और एस गुरूमूर्ति को गुजरात दंगे के मसले पर पक्षकार बनाने की मांग रखी गई। इस दौरान यह भी कहा गया कि उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज किए जाने के साथ ही कोर्ट की देखरेख में एसआईटी की जांच किए जाने की मांग भी की गई। 

मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2002 के गुजरात दंगों में जांच को भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित शाह के ही साथ प्रभावशाली लोगों द्वारा प्रभावित करने का आरोप पूर्व आईपीएस भट्ट ने लगाया था। मगर इस मामले में पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की याचिका खारिज कर दी गई है। जिस कारण उनके विरूद्ध इस तरह के मामले में कार्रवाई की स्वीकृति दे दी गई है।

गुजरात के पूर्व वकील जनरल तुषार मेहता का ई मेल अकाउंट हैक करने का आरोप भी लगाया गया था। भट्ट द्वारा यह भी कहा गया कि उनके विरूद्ध षडयंत्र की बात कही गई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच करवाने की अपील भी की गई थी। इस मामले में न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति अरूणा मिश्रा की खंडपीठ ने याचिकाऐं खारिज कर दीं। दरअसल यह सारा मामला उस आरोप से जुड़ा है जो पूर्व आईपीएस भट्ट ने तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के अन्य नेताओं पर गुजरात दंगों में शामिल होने का आरोप लगाया था। 

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