चीन की सुप्रीम कोर्ट ने कर्जदारों पर लगाई कई तरह की रोक

बीजिंग : कई मामलों में हम अन्य देशों की नकल करते हैं, लेकिन वहां के अच्छे नियमों और फैसलों को अपनाने में हम इसलिए हिचकते हैं क्योंकि वह हमारे लिए सुविधाजनक नहीं रहते.भले ही हमारे यहां विजय माल्या जैसा अमीर आदमी बैंकों का हजारों करोड़ का कर्ज चुकाए बगैर विदेश भाग जाए, लेकिन चीन में ऐसा सम्भव नहीं है.चीन में कर्जदारों के लिए जिंदगी अब आसान नहीं है. चीन की सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर कहा है कि कर्जदारों का सामाजिक बहिष्कार करने का आदेश दिया है. इस आदेश के तहत कर्जदारों पर कई तरह की रोक लगाई गई है.

उल्लेखनीय है कि इस आदेश के अनुसार अब वहां कर्जदार ना तो हवाई सफर कर पाएंगे और ना ही बुलेट ट्रेन की सवारी कर पाएंगे. इसके अलावा होटल में रुकने या किराये पर मकान लेने और कर्जदारों के बच्चों को प्राइवेट स्कूल में एडमिशन भी नहीं मिल पायेगा.सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे लोगों के पर्सनल आईडी नंबर ब्लॉक करने का आदेश दिया है.

आपको बता दें कि चीन में बैंक या सरकारी संस्थाओं से कर्ज लेने वालों की संख्या करीब 70 लाख से अधिक है. साल 2013 में जारी की गई इस काली सूची में सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि लोगों को देश की आर्थिक छवि को सुधारने में मदद करनी चाहिए. कोर्ट के इस आदेश के बाद चीन के कुल 44 संस्थानों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. जिसके तहत कर्जदारों पर पाबंदियां लगाई जाएंगी.

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