सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई याकूब को फांसी की सजा

नई दिल्ली : वर्ष 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी याकूब मेमन को लेकर आज सुनवाई हुई। याकूब की क्यूरेटिव पीटिशन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अपने फैसले में उल्लेख किया कि सीरियल ब्लास्ट के दोषी के तौर पर याकूब मेमन को फांसी की सजा दी जाती है। कोर्ट ने याकूब को 30 जुलाई को फांसी दिए जाने के निर्देश दिए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार 1993 के मुंबई बम धमाकों के आरोपी की पुनर्विचार याचिका अदालत ने खारिज कर दी। जिसके बाद उसे मुंबई बम धमाकों का दोषी ठहराया गया। 3 जजों की बेंच ने याकूब की फांसी पर विचार करने की बात कही थी मगर आज इस मसले पर विचार करने के बाद उन्होंने इसकी सज़ा को बरकरार रखने का निर्णय लिया। अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई।

याकूब फिलहाल नागपुर जेल में बंद है। याकूब की फांसी का निर्णय बहुत अहम माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इन धमाकों में करीब 260 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 713 लोग घायल हो गए थे। मामले में याकूब की ओर से अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। याकूब एक चार्टर्ड अकाउंटेंट है  और मुंबई बम धमाकों के मास्टर माईंड टाईगर मेमन का भाई है। 

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