कानपुर : अपनी मुस्लिम विरोधी छवि मिटाने के लिए 2 जुलाई को इफ्तार पार्टी देने वाले राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ को इसके बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से 6 सवालों के जावब मांगे है। कानपुर में चल रहे चिंतन शिविर में इन प्रश्नों का उतर जानने के लिए उलेमा काउंसिल ने अपना नुमाइंदा भी भेजा है। स्वंय सेवकों ने उलेमा काउंसिल द्वारा भेजे पत्र को स्वीकार कर लिया है। हाजी मोहम्मद सलीस ने बताया कि दो साल पहले यही सवाल राष्ट्रीय स्वंय संघ की विंग राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार से भी पूछे थे। लेकिन आज तक उन्होने कोई जवाब नहीं दिया। सीलस ने बताया कि हम संघ प्रमुख से मिलने का प्रयास कर रहे है। जल्द ही अपने सवालों का जवाब पाने की उम्मीद रखते हुए सीलस ने कहा कि इस बार हमें जवाब मिलने की पूरी उम्मीद है। संघ के एक सूत्र के अनुसार, उन्नाव के कुछ लोग आरक्षण की मांग कर रहे है और इसी सिलिसिले में वो संघ प्रमुख सले मिलने आए थे। लेकिन मुलाकात हो नहीं की, लेकिन उनके पत्र को जमा करा लिया गया है। उलेमा काउंसिल द्वारा पूछे गए सवाल कुछ इस तरह से हैः- क्या संघ भारत को एक हिंदू राष्ट्र मानता है? अगर हां तो क्या हिंदू ग्रंथों के अनुसार, देश को चलाएंगे? धर्म परिवर्तन के मामले में आरएसएस की क्या नीति है? मुसलमानों से संघ किस तरह के राष्ट्र प्रेम की उम्मीद करता है? इस्लाम के बारे में संघ क्या जानता है? इस्लाम से संघ क्या चाहता है?