सुनिए हम गजल वाले है

हमसे भी कुछ सुनिए हम गजल वाले है , मत खोलिए दिल की बात बगल वाले है ! यूं तो हमे परवाह नही आंधी तूफ़ान की , मुफ़लिस है हम , कौन से महल वाले है ! कर दिया उसने नजरो से कत्ल मेरा जो , लगा उसे जो खबर की ये बगल वाले है ! छोड़ दिए घर आना जाना पता चला जो ,  मै तालाब हूं और ये नील कमल वाले है ! करो धमाल तू हुस्न ए जमाल की अब , हम जहां में अब तो , आज कल वाले है ! जैैसे हुए दीदार मेरे , समझ गए वो ये की , वार ए नजर से बचने में ये अजल वाले है ! देख लिया जब दिल की गहराई मेरे , तब , उन्हें कहा कुमार भी ताजमहल वाले है !

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