मैं नास्तिक हूं, गीता की शपथ नहीं लूंगा...

मुंबई : एक फिल्मी डायलॉग है- मैं गीता की शपथ लेता हूं, जो भी कहूंगा, सच कहूंगा सच के सिवा कुछ नहीं कहूंगा। लेकिन असल में जब एक शख्स कोर्ट में पेश हुआ, तो उसने गीता की शपथ लेने से इंकार कर दिया। उसका कहना था कि वो नास्तिक है, इसलिए गीता पर नहीं बल्कि वो भारत के संविधान पर हाथ रखकर शपथ लेगा।

ठाणे की महानगर पालिका में असिस्टेंट कमिश्नर सुनील भालेराव ने गीता की कसम खाने से इंकार कर दिया। भालेराव ने कहा कि वो नास्तिक है, ईश्वर में वो विश्वास नहीं रखते। इसलिए गीता की कसम नहीं खाएंगे। भारत के संविधान पर उन्हें विश्वास है, इसलिए वो उसकी शपथ लेने को तैयार है।

भिवंडी कोर्ट में पहले भी भालेराव की याचिका इसी मांग पर खारिज कर दी गई थी। अब फिर से इस मांग के कारण उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया है। अब आगे उन्होने बॉम्बे हाइ कोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर 10 जून को सुनवाई होगी। भालेराव ने कहा कि देश में हज़ारों जातियां और कई धर्म हैं।

क्या सभी को इसकी इजाज़त दी जा सकती है और जो नास्तिक है वो किसी धर्म ग्रंथ पर हाथ रखकर शपथ क्यों ले। यह याचिका दो साल पुरानी है। एक मामले में गीता की शपथ न लेने के कारण वो गवाही नहीं दे पाएं थे, उसके बाद ही उन्होने याचिका दायर की थी। इस मामले में फैसला 10 जून को होनी है।

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