20 साल तक क्रूर तानाशाही चाहते थे सुभाषचंद्र बोस

नई दिल्ली : देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एक ओर सुभाषचंद्र बोस का विरोध किया था तो दूसरी ओर उनके द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जासूसी करवाए जाने की बात सामने आई थी। हाल ही में इस तरह के कई खुलासों की बातें सामने आई हैं। मिली जानकारी के अनुसार मामले में कुछ और खुलासे भी किए गए जिसमें नेताजी द्वारा वर्ष 1943 में दिए गए भाषण की बातें भी सामने आईं।
इस भाषण में कहा गया था कि वे आजादी के बाद देश को 20 वर्ष तक क्रूर तानाशाही की आवश्यकता पड़ सकती है। इस दौरान यह भी कहा गया कि सुभाष बाबू देश में करीब 20 साल तक तानाशाही के समर्थन में थे। एक अखबार का हवाला देते हुए यह जानकारी दी गई कि सुभाषचंद्र बोस ने वर्ष 1943 में प्राॅविजन गवर्नमेंट आॅफ फ्री इंडिया की घोषणा की।
यही नहीं भारतीयों ने कहा कि समर्पण और निष्ठा जताना जरूरी है। यदि उनका विरोध किया गया तो उसे उनकी सेना या फिर सरकार मार सकती है। इंडियन नेशनल आर्मी ने इस बात की घोषणा की कि यदि कोई भी व्यक्ति उनके इरादों को नहीं समझता और भारती की स्वतंत्रता के लिए परेशानी खड़ी करेगा तो उसे मार डाला जाएगा।

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