PM मोदी को पत्र लिख स्वामी ने की राष्ट्रगान में बदलाव की मांग

नई दिल्ली : नेशनल हेराल्ड केस के चलते सुर्खिया बटोर रहे सुब्रमण्यम स्वामी अब एक और वजह से सुर्खि‍यों में आ गए है. चर्चा है की पीएम मोदी को सुब्रमण्यम ने राष्ट्रगान में बदलाव की मांग करने को लेकर एक खत लिखा है.सूत्रों के हवाले से मामूल हुआ है की स्वामी ने 30 नवंबर 2015 को पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रगान के जन गण मन... के शब्दों में तबदीली की बात लिखी है. ट्विटर पर सोमवार को चिट्ठी साझा करते हुए उन्होंने इस बात की जानकारी दी है.

पत्र के मुताबिक राष्ट्रगान 'जन गण मन, को सदन का मत मानते हुए संविधान सभा में स्वीकार कर लिया गया था. 26 नवंबर 1949 को अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने संविधान सभा के आखिरी दिन बिना मत के ही 'जन गण मन, को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार कर लिया था. हालांकि, उनका मानना था की भविष्य में संसद इसके शब्दों को बदल सकती है.

स्वामी ने आगे अपने पत्र में लिखा है कि उस समय आम सहमति जरूरी थी, क्योंकि कई सदस्यों का मत था कि इस पर चर्चा होना चाहिए. राष्ट्रगान को 1912 में ब्रिटिश राजा के स्वागत में हुए कांग्रेस अधिवेशन में गाया गया था. इस काम को डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने सदस्यों की भावना को समझते हुए भविष्य की संसद पर छोड़ दिया था.

बता दे की इसके साथ ही साथ स्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया की वह संसद में ऐसा प्रस्ताव लाएं कि जन गण मन, की धुन को बिना छेड़े इसके शब्दों में तबदीली की जाए. स्वामी ने सुझाव देते हुए कहा की राष्ट्रगान में सुभाष चंद्र बोस द्वारा किए गए बदलाव को स्वीकार किया जा सकता है.

पत्र में आगे लिखा है की नेताजी ने अधिकतर शब्दों को जस का तस रखा था, सिर्फ ब्रिटिश राजा की तारीफ में गाए गए शब्दों को हटा दिया था. इसके बदले उन्होंने देशभक्ति के संस्कृत शब्दों का प्रयोग किया था. स्वामी ने कहा की अगर ऐसा किया जायेगा तो यह सुभाष चंद्र बोस और देश के स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

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