भेड़चाल चलकर अधिकतर Students बर्बाद कर लेते है अपना करियर

नई दिल्ली: 11 वी कक्षा में जैसे ही विधार्थी प्रवेश करता है तो अपने भविष्य से सम्बन्धित कई सपने देखने लग जाता है, लेकिन जैसे ही विधार्थी उन सपनो को पूरा करने के नज़दीक पहुंचता है, वैसे ही वो खुद उन सपनो से दूर होते चला जाता है, वह एक ऐसी भेड़ चाल चलने लग जाता है जहां उसे खुद यह नहीं पता होता की असल में उसे क्या करना है, और वो क्या कर रहा है.   यहाँ हमने विधार्थी की तुलना भेड़चाल से इसलिए की है क्योकि विधार्थी जैसे ही 12 वी कक्षा को पास करता है, वह वही करने में लग जाता है जो उसके आस-पास के लोग करते है या फिर उसे जो लोग करने को कहते है, वो यह भूल जाता है कि उसे खुद क्या करना है, दुसरो की कही गई बात को ही विधार्थी अपना लक्ष्य बना लेता हैं, और वह वही सब देखने में लग जाता है जो उसको वह दूसरा व्यक्ति दिखाना चाहता है.   लेकिन हां यहाँ एक मोड़ ऐसा भी आता है, जब विधार्थी अपने करियर की शुरुआत करता है और उसे उस समझाये गए व्यक्ति की तरह सफलता नहीं मिल पाती तो वह अंदर ही अंदर घुटने लग जाता है. जिसका अंत में यह परिणाम होता है कि वह डिप्रेशन का शिकार बन जाता है. 

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