पशु चराने को मजबूर है भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला खिलाड़ी

अहमदाबाद : टीम इंडिया को फीस के रूप में मोटी रकम दी जाती है. वहीं दूसरी ओर ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप-1998 के हीरो रहे भालाजी डामोर तंग हालातो में अपना गुजर बसर कर रहे है. कभी चर्चाओ में रहे दिग्गज खिलाड़ी आज आजीविका के लिए पशु चराने को विवश है. आपको बता दे कि गुजरात के डामोर की सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका से भारत के हारने के बाद भी तत्कालीन राष्ट्रपति के आर नारायणन ने डामोर की बेहद प्रशसा की थी. डामोर का टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द सीरीज के लिए चयन किया गया था.

दिग्गज ऑलराउंडर : 3125 रन और 150 विकेट डामोर ने क्रिकेट में शानदार पारी खेली. उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में 125 मैच में 3,125 रन बनाए और 150 विकेट झटके. भालाजी का नाम अब भी ब्लाइंड क्रिकेट में भारत की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने वाले बॉलर के रूप में दर्ज है.

कठिनाइयों में जी रहे है जीवन भालाजी को जितनी राशि एक सीरीज के इनाम के रूप में मिली थी अब उससे भी कम उनकी मासिक आय है. उन्हें के सीरीज में 5000 रूपए मिले थे और उनकी मासिक आय मात्र 3000 रूपए है. भालजी और उनके भाई के पास अरावली जिले के पिपराणा गांव में मात्र एक एकड़ जमीन में पुरे परिवार का भरण पोषण करने को विवश है. दृष्टिबाधित होने की वजह से दूसरे के खेतो में काम नहीं मिलता. उनकी पत्नी अनू खेती-बाड़ी का काम करती है. दोनों का एक 4 वर्षीय बेटा भी है.

 काम नहीं आया कोटा भालाजी ने बताया, "वर्ल्ड कप के बाद मुझे आशा थी कि कहीं नौकरी मिल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अपाहिज या खिलाड़ियों का कोटा भी मुझे कोई लाभ नहीं दे पाया.

क्या है ब्लाइंड पीपुल्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कहना ब्लाइंड पीपुल्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भूषण पुनानी मानते हैं कि विशेष श्रेणी के इन खिलाड़ियों को सरकार नजरअंदाज कर देती है.

Related News