मालेगांव केस छोड़ने पर मजबूर कर रही है मोदी सरकार

अहमदाबाद : मालेगांव में हुए धमाकों के मामले में स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर रोहिणी सलियान ने बोला है कि बीते एक वर्ष से मोदी सरकार के सत्ता में आने के पश्चात नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) उन्हें नरमी का रुख अपनाने की हिदायत देते हुए दबाव बनाने का प्रयास कर रही है. आपको जानकारी दे दे कि 29 सितंबर 2008 में रमजान के समय हुए इन धमाकों में चार मुस्लिमों की जान चली गयी थी. जबकि 79 लोग घायल हुए थे.  इस घटना में कुछ हिंदू कट्टरपंथी तत्वों का नाम सामने आ रहा है.  इस मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित समेत 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इनमें से चार को जमानत दी गयी है.

एक प्रख्यात समाचार पत्र की खबर के अनुसार बताया गया कि एनडीए के सत्ता संभालने के कुछ दिनों पश्चात उन्हें इस मामले की जांच कर रही एनआईए के एक अधिकारी का फ़ोन अाया. रोहिणी के अनुसार, अधिकारी ने फोन पर किसी भी तरह की बातचीत नहीं करते हुए मुलाकात की.  इस मुलाकात में अधिकारी ने बोला की मेरे पास आपके लिए एक विशेष सन्देश है. उन्हें इस मामले में कडा रुख छोड़ नरमी के साथ काम लेना चाहिए. 12 जून को इस मामले की नियमित सुनवाई के समय इसी अधिकारी ने बताया कि ऊपर के लोग नहीं चाहते कि वह इस मामले में किसी भी तरह की पैरवी की जाए. कोई अन्य वकील को आगे की कार्रवाई के लिए बुला लिया जाएगा. 68 साल की रोहिणी ने बताया कि वह चाहती हैं कि एनआईए इस मामले से उन्हें आधिकारिक तौर पर हटा दे.

Related News