विलुप्त होती जा रही है गौरैया चिड़िया की प्रजाति

गौरैया एक नन्ही सी चिड़िया जो पुराने जमाने में आंगन में फुदकती और चहचहाती हुई नजर आती थी. गौरैया को इंग्लिश में स्पैरो कहा जाता है. अब गौरैया शायद ही कहीं नजर आ जाए. कभी-कभी ही हमारे कानो में गौरैया की चहचहाट सुनाई देती है. गौरैया चिड़िया की प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर है. हर कोई यही सोचता है कि उनके आंगन से गौरैया कहां खो गई. 

1- हर साल 20 मार्च को गौरैया दिवस मनाया जाता है. गौरैया दिवस मनाने का कारण यह है कि लोगों में नन्हे पक्षियों के प्रति जागरूकता बढे. 

2- आज के समय में गौरैया एक संकटग्रस्त पक्षी है. जो बहुत तेजी से विलुप्त होती जा रही है. गौरैया प्रजाति की चिड़िया का विलुप्त होने का कारण उनके घोंसलों के लिए उचित जगह का ना होना और पेड़ पौधों का तेजी से कटना है. 

3- गौरैया फसलों में पाए जाने वाले कीड़े मकोड़ों को खाकर फसलों को बचाने का काम करती है. पर आजकल फसलों में कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है. जिसके कारण इन्हें खाने से गौरैया की मौत हो जाती है. 

4- भारत के साथ-साथ ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी जैसे देशों में गौरैया को दुर्लभ प्रजाति की श्रेणी में रखा गया है.

 

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