दक्षिण कोरिया में फैला मर्स वाइरस का खतरा, बढ़ती जा रही है मृतकों की संख्या

सोल : मिडल ईस्ट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम (मर्स) वाइरस से दक्षिण कोरिया काफी प्रभवित हो रहा है. मर्स के चपेट में अब तक 35 लोग आ चुके है. इसके चलते दक्षिण कोरिया में शिक्षण संस्थान बंद करने की घोषणा कर दी गयीं है और हजारो लोगो ने अपनी यात्राये भी रद्द कर दी है. मर्स की वजह से अब तक दो लोगो की जान जा चुकी है. मर्स के बढ़ते प्रभाव ने लोगो को काफी परेशान कर दिया है उनकी घबराहट दूर करने में दक्षिण कोरिया के अधिकारियों को काफी मेहनत करनी पड़ रही है.

मर्स यानी (मिडल ईस्ट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम) की चपेट में आने के खौफ से अब तक 700 शिक्षण संस्थाओ को बंद कर दिया गया है. स्वास्थ मंत्रालय ने मर्स से संक्रमित लोगो की संख्या 5 बतायी है. संक्रमित व्यक्तियों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है और अब संक्रमित लोगो का आकड़ा 35 तक पहुंच गया है. संक्रमण से पीड़ित लोगो में 68 वर्षीय वृद्ध भी है जिसका सम्बन्ध सऊदी अरब से है. मर्स के संक्रमण की समस्या का मामला पहली बार 20 मई को सामने आया था.

इसके बाद संक्रमित लोगो के संपर्क में आये लोगो को अलग रखने का निर्णय लिया गया. संक्रमित लोगो के सम्पर्क में अाने वालो की संख्या 1300 है. लोग संक्रमण से बचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है. लोग सड़को व सार्वजनिक स्थानो पर मुह पर मास्क लगाये दिख रहे है.कोरिया पर्यटन विभाग ने कहा कि लोगो ने मर्स के डर से अपनी यात्राये रद्द कर दी. संक्रमण के डर से लगभग 7000 पर्यटकों ने अपनी यात्राये रद्द कर दी थी.ज्यादातर यात्रियों का संबंध ताइवान और चीन से है.

मर्स के संक्रमण का प्रकोप विश्व स्तर पर भी फ़ैल रहा है .वैश्विक स्तर पर मर्स से संक्रमित लोगो कि संख्या अब तक 1161 हो गयी है. मर्स ने अब तक 436 लोगो को मौत का ग्रास बना लिया है. मर्स का प्रभाव 20 से अधिक राष्ट्रों में देखा गया है. सबसे ज्यादा प्रभावित देश सऊदी अरब है. अभी तक मर्स के वाइरस के इलाज का निदान नहीं मिला है. फिलहाल बचाव ही एकमात्र उपाय है. इसे सार्स से कम संक्रामक, लेकिन अधिक प्रभावित करने वाला वाइरस बताया जा रहा है. इसका लोगो के स्वास्थ पर ज्यादा घातक प्रभाव होगा. एशिया में फैले सार्स के कारण सैकड़ों लोग मारे गए थे.एशिया में सार्स 2003 में फैला था.

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