भारत बनाएगा AK-47 राइफल, जल्द हो सकती है रुस से डील

नई दिल्ली : दुनिया में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाली राइफल AK-47 का निर्माण अब भारत में ही होगा। इसके लिए भारत और रुस में बातचीत की प्रक्रिया शुरु हो गई है। अगर डील डन हुआ तो इंडिया AK-47 का उत्पादन करेगी। इसके लिए रुस भारत में अपनी राइफल टेक्नोलॉजी का फॉर्मूला भी उस कंपनी से शेयर करेगी जिसे इसका पार्टनर बनाया जाएगा।

रुस इस हथियार की ऑफिशियल सप्लाई पहले ही रोक चुका है और इसका कारण है जायज की जगह इसका नाजायज प्रयोग। जानकारी के मुताबिक रुसी राइफल निर्माता कंपनी क्लाशिनकोव के चीफ एग्जीक्यूटिव अलेक्सी करिवोरुको ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि इस साल की शुरुआत से ही भारत और रुस में बातचीत चल रही है। भारतीय कंपनियों के साथ बात सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है। कुछ भारतीय कंपनियां 2008 से ही इस राइफल को बनाने की इच्छा जता रही हैं।

उन्होंने कहा यह भी कहा कि भारत में हमारी बातचीत सरकारी और प्राइवेट, दोनों कंपनियों से हो रही है। नाम बताने से इंकार करते हुए वो बोले कि इस राइफल को भारत में बनाने को लेकर यहां डिफेंस मिनिस्ट्री से कोई डील नहीं हो रही है। अगर रक्षा मंत्रालय से बातचीत की नौबत आती है तो हमारे पार्टनर बात करेंगे।

उन्होंने कहा इससे पहले इस संबंध में हुई बातचीत का कोई अर्थ नहीं था, क्योंकि जो कंपनी भारत में राइफल बनाना चाहती थी उसे सरकार से लाइसेंस ही नही प्राप्त नही था। कंपनी का कहना है कि भारत में राइफल का प्रोडक्शन शुरू करने के लिए करीब 650 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इन्वेस्टमेंट का क्राइटेरिया जमीन और मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी होगा। उन्होंने बताया कि उत्पादन शुरू होने के बाद सालाना 50 हजार राइफलें बनाई जाएंगी। कंपनी का कहना है कि भारतीय राइफल का 5.56-mm और 7.62-mm मॉडल पसंद करते हैं। इसलिए फोकस इन्हीं के प्रोडक्शन पर होगा।

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