नई दिल्ली : देश के सांसद अपने कर्तव्य को लेकर कितने लापरवाह है, इस बात का अंदाजा हाल ही में स्वयंसेवी संगठन मास फॉर अवेयरनेस द्वारा संचालित रिसर्च सेंटर ‘सेंटर फॉर डेमोक्रेसी एंड पीस’ द्वारा पेश की गई रिपोर्ट से लगा सकते हो. 15वीं लोकसभा के पूरे पांच साल के काम-काज पर तैयार रिपोर्ट 'रिप्रेजेंटेटिव एट वर्क' में सामने आया है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह सहित 55 सांसद ऐसे हैं, जिन्होंने पिछले 5 सालो में संसद में एक भी सवाल नहीं पूछा. गुरुवार को लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इस रिपोर्ट को जारी किया. रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार संसद में लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, केरल, ओडीशा, गुजरात, और तमिलनाडु से जुड़े सांसदों ने सबसे ज्यादा सवाल पूछे. रिपोर्ट के अनुसार औद्योगिक पृष्ठभूमि से जुड़े सांसदों ने औसतन 447 सवाल पूछे और लोकसभा में सबसे ज्यादा सवाल वित्त विषय पर ही पूछे गए. इसके अलावा संसद में बहस के मामलों में भाजपा के अर्जुन राम मेघवाल सबसे अच्छे सांसद है, वहीँ 35 सांसद ऐसे भी हैं जिन्होंने बहस में हिस्सा ही नहीं लिया. इसके अलावा सांसदों की उपस्थिति के मुद्दे को देखा जाए तो सुमित्रा महाजन की उपस्थिति 87 प्रतिशत, मुलायम सिंह यादव की उपस्थिति 85 प्रतिशत, मुरली मनोहर जोशी की उपस्थिति 84 प्रतिशत, शरद यादव की उपस्थिति 83 प्रतिशत रही, वहीँ इस दौरान सोनिया गांधी व राहुल गांधी की उपस्थिति 50 फीसदी से भी कम रही. अगर संसद में सवाल पूछने की बात की जाए तो शिवसेना के आनंदराव अडसूल 1280 सवाल पूछकर शीर्ष पर है, वहीँ 1185 सवालों के साथ गजानन बाबर दूसरे, 1141 सवालों के साथ असादूद्दीन ओवैसी तीसरे, 1112 सवालों के साथ कांग्रेस के प्रदीप माँझी चौथे और 1194 सवालों के साथ शिवसेना के श्री शिवाजी अधलराव पाटील पांचवें नंबर पर मौजूद है.