दोस्तों जब हम घर या जमीन खरीदते है तो वह कभी कभी हमारे लिए अशुभ हो जाती है, जिसके चलते हमें बहुत कष्ट झेलना पड़ता है. इसलिए जब हम कोई घर या जमीन खरीदने जा रहे हे तो सबसे पहले उसकी जाँच परख कर ले. आज हम वास्तुशात्र के हिसाब से जमीन का चयन कैसे करे जानेंगे. दोस्तों जब आप प्लाट खरीदने जा रहे हो तो सबसे पहले उसकी आकृति आयताकार होना चाहिए.ये प्लाट सभी प्लाटो की अपेक्षा शुभ होते है क्योकि ये प्लाट दोनों दिशा से खुले हुए होते है. इस प्लाट का आगे का हिस्सा पूर्व की ओर, और इसके सामने रोड़ होना चाहिए. इस प्रकार के प्लाट इंसान को धन, सुख सम्रद्धि और पारिवारिक सुख प्रदान करते है. अगर किसी का प्लाट वर्गाकार आकृति में हो तो यह शुभ के मामले में दुसरे नंबर पर है, इस प्लाट की लम्बाई ओर चौड़ाई दोनों बराबर होते है यह प्लाट सुख,समृद्धि, धन के लिए शुभ होते है लेकिन ऐसे प्लाटो में बनने वाले घर तथा भवनो का नक्शा अच्छे से नहीं बन पाता और गुरुत्वाकर्षण के बल के कारण यह प्रथ्वी को अपने धुरी पर घूमने को ऐसे प्लाट दवाब महसूस करते है, शास्त्रों के हिसाब से भूमि को चेक करने के लिए भूमि के बीचो बीच एक लंबा, एक हाथ चौड़ा और एक हाथ गहरा गड्ढा खोदे ,व गड्ढे से निकली हुई मिटटी को फिर से गड्ढे में भरे, गड्ढे भरने के बाद अगर कुछ मिटटी बच जाती है तो यह भूमि वास्तु के हिसाब से अच्छी है. यदि मिटटी गड्ढे के बराबर निकलती है तो माध्यम वर्ग की भूमि और गड्ढा नहीं भर पाता है और मिटटी ख़त्म हो जाती है तो भूमि को अधम माने इस बात का ध्यान जरुर रखे की भूमि पर यदि चूहों के बिल दिखे या भूमि ऊबड़, खाबड़ हे या उसमे दरारे पड़ी हो. तो उस भूमि में निवास नहीं करना चाहिए. जाने अपने घर में हो रही परेशानियों का कारण और इसका निवारण घर में रखोगे अगर यह वस्तु तो तरक्की आपके कदम चूमेगी पूजा-पाठ करते समय कभी न करें ऐसी गलती तो इसलिए महिलायें पहनती है चूड़ी