मधुबाला और रेखा जैसी कई अदाकाराओं के बेहतरीन नृत्य के पीछे था इनका हाथ

कथक नृत्यांगना के रूप में दुनियाभर में अपनी खास पहचान बनाने वाली सितारा देवी का जन्म आज ही के दिन साल 1920 को कोलकाता में हुआ था. वैसे तो सितारा देवी किसी परिचय की मोहताज नहीं है, बता दे कि उन्होंने सफलता का जो शिखर हासिल किया था, वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया. ये बात तो बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि महज 16 साल की उम्र में सितारा देवी का नृत्य देखकर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें 'कथक क्वीन' के खिताब से नवाजा था.

खास बात तो यह है कि आज भी लोग उन्हें इसी नाम से उनका परिचय कराते हैं. इसके अलावा सितारा देवी को अपनी कला और नृत्य के प्रति उनके विशेष योगदान के लिए 'पद्मश्री' (1970) और 'कालिदास सम्मान' (1994) से भी सम्मानित किया गया, जो कथक के प्रति उनकी सच्ची लगन और मेहनत को दर्शाता हैं. आपको बता दे कि बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री रेखा, मधुबाला, माला सिन्‍हा और काजोल जैसी एक्‍ट्रेस को कथक क्वीन सितारा देवी ने ही डांस का गुर सिखाया था.

बताया जाता है कि जन्‍म के कुछ दिनों बाद उनके मां-बाप ने उन्‍हें नौकरानी को दे दिया था, क्‍योंकि उनका मुंह थोड़ा टेढ़ा था. जिसके बाद नौकरानी ने बचपन में सितारा देवी की खूब सेवा करके उनका मुंह ठीक कर वापस उनके माता-पिता को लौटा दिया. सितारा देवी का जन्म धनतेरस के दिन हुआ था जिसकी वजह से लोग इन्हें धन्नो कहकर बुलाते थे. मशहूर कथक नृत्यांगना सितारा देवी का लंबी बीमारी के बाद 94 की उम्र में 25 नवंबर, 2014 को निधन हो गया था.

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