कांशीराम की बहन ने किया मायावती का विरोध

रोपड़ : बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांशीराम के स्मारक की स्थापना उनके गांव में की लेकिन अब कांशीराम की बहन ने ही पूर्वमुख्यमंत्री मायावती को रोक दिया गया है। स्वर्ण कौर ही उन्हें वहां आने नहीं देना चाहती हैं। स्मारक की देखरेख करने वाली स्वर्ण कौर 15 मार्च को अपने भाई की 82 वीं वर्षगांठ पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तो आने देना चाहती हैं। उनका कहना है कि मायावती उनकी दुश्मन नंबर एक है।

दरअसल पंजाब में विधानसभा चुनाव को लेकर करीब 32 प्रतिशत दलित जनसंख्या और बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक और दलित आइकन कांशीराम पर फोकस किया गया है। मायावती इस गांव से करीब 50 किलोमीटर दूर नवा शहर में रैली को संबोधित करेगी। पंजाब में विधानसभा चुनावों का आयोजन होना है। ऐसे में पंजाब में लगभग 32 प्रतिशत दलित जनसंख्या और बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक और दलित आइकन कांशीराम को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

मायावती को न आने देने को लेकर 70 वर्षीय स्वर्णा ने कहा है कि कांशीराम जोकि उनके भाई थे उन्हें उनके जीवन के अंतिम क्षणों में बंदी बना लिया गया। परिवार को उनसे भेंट करने नहीं दिया गया। उनकी बुजुर्ग मां कांशी से एक वर्ष पूर्व बेटे के वियोग में मर गई। इस गांव में आने हेतु वह पुल भी पार नहीं कर पाई। इस मामले में स्वर्णा कौर ने कहा कि आम आदमी पार्टी में वे शामिल नहीं हो रही हैं न ही राजनीति करने का उनका कोई इरादा है।

उनका कहना था कि वे राजनीति में तो नहीं आऐंगी लेकिन बहुजन समाज पार्टी को सहयोग नहीं करेंगी। स्वर्ण कौर द्वारा यह भी कहा गया है कि उनका परिवार दलितों के हित हेतु कार्य करने वाले दल को सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि जो भी दल दलितों का ध्यान रखेगा उसे महत्व दिया जाएगा। 

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