सिर्फ श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं

शहीदों की याद से आँसू छलक गये उपवन में देखा, खिले फूल महक गये  . सिर्फ श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं लोग शहीदों के बनाये मार्ग से बहक गये . क्या सपना देखा था वतन के लिए देशभक्ति की राह से लोग खिसक गये . उनके नाम से अब होने लगी राजनीति  उन्हीं का नाम लेकर चले व चमक गये . सच्चाई का सामना करने की नहीं शक्ति सच्चाई आयी सामने तो वे बिदक गये . शहीदों के नाम सेे हासिल की उपलब्धि मुफ्त में उपलब्धि पाकर तो चहक गये . सियासत राह पर चल पहुँचे राजधानी पाँच साल में जनता के बीच झलक गये . धन और कैरियर रहा ध्यान में हमेशा राह में जहाँ जो कुछ मिला गटक गये . कभी नि:स्वार्थ भाव से होता था कार्य सत्ता के लोभ में तो राह से भटक गये . देशभक्ति जुनून थी शहीदों के दिल में देश की खातिर फाँसी पर लटक गये . शहीद पथ के अनुगामी बनो 'प्रकाश' नेता राह पर चलने से पहले लुढ़क गये

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