सिंहस्थ कुंभ में जाने वहाँ स्नान करने तथा साधू संतों के दर्शन करने का हमारे जीवन में बहुत ही अधिक महत्व है यह यह एक बहुत बड़ा धार्मिक कार्य माना गया है। उज्जैन सिंहस्थ- 2016 में 30 दिनों के चलते आप किसी भी दिन वहाँ पहुँचकर इस धर्म कर्म का लाभ उठा सकते है । पर यदि आप इन 10 दिनों में किसी भी दिन या सभी दस दिनों तक स्नान करते है। तो उसका बहुत अधिक महत्व होता है। आपके हर कार्य पूर्ण होंगे सिंहस्थ कुंभ में दस मुख्य तिथियों पर प्रमुख स्नान होंगे। बताया गया है की अश्वमेघ फल प्रदान करने वाले इस महत्वपूर्ण पर्व की शुरुआत चैत्र पूर्णिमा के दिन 22 अप्रैल को प्रथम स्नान के साथ होगी। और अंतिम प्रमुख स्नान वैशाख पूर्णिमा जो की 21 मई को है। उसी दिन तक होगा। इसी बीच वरुधिनी एकादशी, वैशाख अमावस्या, अक्षय तृतीया, शंकराचार्य जयंती, वृषभ की सक्रांति पर भी मुख्य स्नान होंगे। ज्योतिषाचार्यों के द्वारा बताया गया है। की शास्त्रों के मुताबिक इन विशेष 10 दिनों मे स्नान का अत्याधिक महत्व है। रही बात शाही स्नान की कि वह किन-किन तिथियों पर होंगे इसका निर्णय अखाड़ा परिषद् द्वारा ही लिया जाएगा। इन प्रमुख तिथियों पर होंगे स्नान - . चैत्र शुक्ल पूर्णिमा 22 अप्रैल। . वरुधनी एकादशी 3 मई। . वैशाख अमावस्या 6 मई। . अक्षय तृतीय 9 मई। . शंकराचार्य जयंती 11 मई। . वृषभ सक्रांति 15 मई। . मोहनी एकादशी 17 मई। . प्रदोष 19 मई। . नृसिंह जयंती 20 मई। . वैशाख पूर्णिमा 21 मई। इस पर्व का हमारे जीवन में अत्याधिक महत्व है। यह पर्व हर वर्ष नहीं आता है यदि आप इस पर्व मे शामिल होते है तो आपको भी इसका विशेष फल मिलेगा आपका जीवन मंगलमय व्यतीत होगा ।