ऐसे प्रसन्न होंगे श्री सूर्य देव

भगवान श्री सूर्य को हिरण्यगर्भ प्रत्यक्ष देव कहा जाता है। प्रत्येक व्यक्ति सभी के साक्षात् दर्शन से भगवान के दर्शनों का लाभ लेता है। भगवान श्री सूर्य के माध्यम से पितरों को तक तर्पण दिया जाता है। यह दिन श्री सूर्यदेव की उपासना के लिए विशेष माना जाता है। भगवान श्री सूर्य को अध्र्य देने का विशेष महत्व है।

भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त करने के लिए तांबे के एक पात्र में जल भर लें, लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत समर्पित कर भगवान श्री सूर्य का जाप करते हुए उन्हें जल समर्पित किया जाता है, भगवान श्री सूर्य को अध्र्य देकर प्रणाम करने की जरूरत है। भगवान को अध्र्य देकर सूर्य को प्रसन्न किया जा सकता है। यही नहीं भगवान की आराधना करने के लिए आरोग्य, आयु, धन, पुत्र, मित्र, तेज, यश, विद्या, वैभव और सौभागय भी प्राप्त किया जा सकता है।

भगवान श्री सूर्य की कृपा से रविवार को गुड़ और चांवल का भोग लगाकर इसे नदी में प्रवाहित किया जाए तो भी सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ऊॅं हृीं हृीं सूर्याय सहस्त्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा का उच्चारण किया जा सकता है। 

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