हर कहीं होगा गुरू का वंदन, निकलेगी श्री सांई की पालकी

आषाढ मास की पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा का उत्सव मनाया जाएगा। श्रद्धालु अपने गुरूओं के चरण वंदन करेंगे। उनके चित्रों पर माल्यार्पण होगा। इतना ही नहीं श्रद्धालु गुरू द्वारा ज्ञान, भक्ति का आलोक फैलाने के लिए उन्हें धन्यवाद भी देंगे। हर कहीं गुरूओं का पूजन होगा। ऐसे में श्री सांई बाबा मंदिरों और श्री दत्तगुरू मंदिरों में भक्ति का सैलाब उमड़ेगा। कहीं श्री गुरू चरित्र का पारायण होगा तो कहीं श्रद्धालु भगवान दत्तात्रेय की भक्ति में रमें नज़र आऐंगे। इस दौरान रेवड़ी, हलवा, चिरौंजी दाने आदि का प्रसाद वितरण भी होगा।

भगवान श्री गुरू देव दत्त मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा भक्ति भाव से पूजन किया जाएगा। कई धार्मिक संस्थाओं में श्रद्धालु अपने गुरूओं का पूजन करेंगे। गुरू श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान करेंगे। इस दौरान गुरू वंदन, गुरू कीर्तन भी होगा। कइ स्थानों पर श्री सांई बाबा मंदिरों से श्री सांई बाबा की पालकी निकाली जाएगी।

शाम करीब 6 बजे पालकी यात्रा का आयोजन होगा। जिसमें श्री सांई बाबा को पालकी में विराजित कर शोभायात्रा के तौर पर नगर भ्रमण करवाया जाएगा। पालकी यात्रा में भगवान श्री सांई की मूर्ति के अलावा बग्घि, बैंड, हाथी आदि शामिल होंगे। श्रद्धालु सांई भक्ति की धुन और गीतों पर झूमते हुए पालकी यात्रा में शामिल होंगे।

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