घट- घट विराजे अंर्तयामी श्री सांई बाबा, आज भी होते हैं चमत्कार

शिरडी के श्री सांई बाबा, जिन्हें दत्त का अवतार कहा गया है। भक्तों को श्री सांई बाबा में ब्रह्मा, विष्णु, कृष्ण, राम, विट्ठल, शिव के दर्शन हुआ करते थे। बाबा अपने श्रद्धालुओं की हर इच्छा पूरी करते थे। कई बार बाबा अपने श्रद्धालुओं पर क्रोधित होते तो कभी वे अपने भक्तों पर आने वाले संकट को जानकर क्रोधित हो जाते। ऐसा ही एक प्रसंग बाबा के लीला चरित्र, श्री सांई सच्चचरित्र में मिलता है साथ यही यही वर्णन श्री सांई बाबा की महिमा का बखान करने वाली विभिन्न पुस्तकों, ग्रंथों में भी मिलता है। दरअसल बाबा श्री सांई के यहां एक बार एक भक्त दर्शन करने आए। तब बाबा नित्य के ही समान अन्य भक्तों के साथ चर्चा कर रहे थे।

अचानक बाबा श्री द्वारकामाई की द्वार के ओर देखकर क्रोधित हो उठे, और जोर जोर से बोलने लगे नीचे उतर, चले जा, नीचे उतर। जब ये भक्त बाबा के दर्शनों की आस लिए यहां पहुंचे तो उन्हें लगा कि उनसे कोई भूल हो गई है और बाबा क्रोधवश ऐसा कह रहे हैं। वे भक्त बाबा के चरण वंदन करने लगे। तो दूसरी ओर कुछ भक्त बाबा के नित्य के सेवक को लेकर वहां पहुंचे। दरअसल बाबा के इन सेवक को किसी जहरीले जीव ने काट लिया था और जहर का असर शरीर में न फैले इसके लिए बाबा जहर नीचे उतरने और उसका असर समाप्त होने का निर्देश दे रहे थे।

बाबा ने अपने योग बल और देव शक्ति से यह बात जान ली और उनके भक्त ठीक हो गए। श्री सांई बाबा के चमत्कारिक जीवन का लाभ आज भी श्रद्धालुओं को मिलता है और बाबा अपने श्रद्धालुओं, सेवकों और भक्तों की रक्षा करते हैं। शिरडी में बाबा के पुराने भक्त परिवार के पास आज भी बाबा की कई अमूल्य धरोहर संभालकर रखी गई है। इन धरोहरों में से कुछ को श्री सांई बाबा मंदिर संग्रहालय में भी बड़े जतन से रखा गया है।

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