घर-घर साजे, श्री महालक्ष्मी विराजे

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को महाराष्ट्रीय परिवारों में ज्येष्ठा गौर आह्वान का तीन दिवसीय पर्व मनाया जाता है। इस पर्व की शुरूआत आज से हुई है। इस पर्व में ज्येष्ठा गौरी अर्थात् देवी श्री महालक्ष्मी का आह्वान कर उन्हें गाजे - बाजे , ढोल , ढमाके के साथ विराजित किया जाता है। आज ऐसे परिवारों में श्री महालक्ष्मी विराजित की गईं। इस दौरान परिवार में आनंद का वातावरण रहा।

देवी श्री महालक्ष्मी को पुरन पोळी का भोग लगाया जाता है। इतना ही नहीं उनके सम्मान में गुजिया, साटोरी आदि का नैवेद्य अर्थात भोग समर्पित किया जाता है।

देवी महालक्ष्मी को दूसरे दिन सोहल पकवान का भोग लगाया जाता है और उनका श्रृंगार सौलह भी किया जाता है। तीसरे दिन देवी महालक्ष्मी का विधिवत विसर्जन होता है। इसके पूर्व दूसरे दिन सुहागन जिमाई जाती है।

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