200 वर्ष पुराने इस मंदिर की महिमा है बड़ी निराली

भगवान श्री गणेश के यूं तो कई मंदिर हैं लेकिन कुछ मंदिर बड़े ही जागृत हैं। इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यह मंदिर करीब 200 वर्ष पुराना है। मंदिर बेहद जागृत है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालु अपने साथ दुर्वा, लड्डू, मोदक आदि चढ़ाते हैं। यह मंदिर सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के समीप है। पितृपक्ष के दौरान यहां पर श्रद्धालु अन्न दान करते हैं। मान्यता है कि अन्न दान कर वे पितरों को याद दिलवाते हैं।

यहां पर एक मेरू यंत्र प्रतिष्ठापित है जो कि भगवान श्री गणपति की आराधना के लिए लोकप्रिय है। इस मंदिर का स्थापत्य देखकर 200 वर्ष पुराने मंदिर की याद आती है। यहां आकर श्रद्धालु सभी चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं। यहां पर श्री गणेश चतुर्थी, बुधवार, तिल चतुर्थी और अन्य अवसरों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।

श्रद्धालु बप्पा के दर्शन कर आनंद विभोर हो जाते हैं। यहां आने वाले की सभी मनोकामनाऐं पूर्ण हो जाती हैं। श्रद्धालु यहां आकर बहुत सुख का अनुभव करते हैं। यहां पर श्रद्धालु अपनी मनोकामना को लेकर चोला भी चढ़ाते हैं। श्रद्धालु यहां आकर असीम शांति का अनुभव करते हैं। बप्पा का यह स्वरूप बेहद सुंदर है। यह मंदिर बहुत ही जागृत है। मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा पूजन करने को लेकर उपवास भी किया जाता है। 

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