कन्धों पर हल होना चाहिए, बन्दुक नहीं : मोदी

दंतेवाड़ा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां कहा कि बस्तर की धरती ने दुनिया को जीने का रास्ता सिखाया है, यहां के आदिवासियों ने मिसाल पेश की है, यहां के लोगों के कंधों पर हल होने चाहिए, बंदूकें नहीं। मोदी ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित विशाल सभा को संबोधित करते हुए नक्सलियों से मुख्य धारा में लौटने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "कंधे पर हल से विकास संभव है, जबकि कंधे पर गन यानी बंदूक समस्या का समाधान नहीं है।" 

प्रधानमंत्री के बस्तर दौरे के दौरान चार परियोजनाओं के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इससे पहले रायपुर में खराब मौसम की वजह से मोदी की सभा स्थगित करनी पड़ी। प्रधानमंत्री ने कहा, "बस्तर के इतिहास में यह पहला मौका है कि एक घंटे में 24 हजार करोड़ रुपये की लागत के विकास कार्यों के लिए समझौते किए गए। इससे भविष्य में बस्तर की जिंदगी में बदलाव का अनुमान लगाया जा सकता है।" मोदी ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए रोजगार का अधिक महत्व है। इसलिए देश के लिए सबसे पहली प्राथमिकता देश के नौजवान को रोजगार मुहैया करवाना है। 

केंद्र सरकार का प्रयास है कि देश के आदिवासी और पिछड़े हिस्सों में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा, "हमारी कोशिश है कि सुदूर इलाकों में रेल की पटरियां बिछाई जाएं, ताकि पिछड़े इलाके के लोगों को भी यातायात के साधन मिलें।" उन्होंने कहा, "हमारा कारोबार होगा तो इस्पात भी हमारा होगा और इसी में हमारे नौजवानों को रोजगार मिलेगा और उनका भविष्य बनेगा।" प्रधानमंत्री ने नॉलेज सिटी और छत्तीसगढ़ के विकास का उल्लेख करते हुए सूबे के मुख्यमंत्री रमन सिंह को राज्य में विकास कार्यो के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि कंधे पर हल से विकास संभव है, जबकि कंधे पर बंदूक समस्या का समाधान नहीं है। 

उन्होंने पंजाब में आतंकवाद का उदाहरण दिया और विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़ में भी खून का खेल बंद होगा और विकास की गंगा बहेगी। मोदी ने कहा, "नक्सलियों को कुछ दिन बंदूक छोड़कर लोगों के बीच रहकर देखना चाहिए।" उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य में लोगों को विकास से जोड़ा और बच्चों को बुनियादी सुविधाएं दी। हिंसा का कोई भविष्य नहीं है।" प्रधानमंत्री ने कहा, "कई नक्सली मुख्यधारा में लौटे हैं। नक्सली मानवता को अंगीकार कर ऐसे लोगों और उनके बच्चों के साथ कुछ समय बिताएं, जिनके माता-पिता और परिजन हिंसा की भेंट चढ़ गए हैं। 

यहां के नौजवानों में देश का भविष्य बदलने की क्षमता है।" मोदी ने कहा, "राज्य की जनता ने राज्य सरकार पर और केंद्र सरकार पर जो विश्वास जताया है उसे खाली नहीं जाने दिया जाएगा। पूरी दुनिया आज भारत का लोहा मानने लगी है। कितनी तेजी से परिवर्तन हो रहा है यह दुनिया भी देख रही है।" मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिन्हें जनता ने नकार दिया है, वे जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। देश को ईमानदारी से ही चलाया जा सकता है। 

इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हुए विकास का उल्लेख किया। सभा में केंद्रीय इस्पात और खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्य के मंत्री विष्णु देव साय, सांसद दिनेश कश्यप के साथ प्रदेश सरकार के अन्य मंत्री भी मौजूद रहे। रमन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दंतेवाड़ा और बस्तर क्षेत्र को 24 हजार करोड़ की सौगात दी है और वे इस धरती की ओर से प्रधानमंत्री का स्वागत करते हैं। 

उन्होंने कहा कि बस्तर के लोग ईमानदार और मेहनती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, "बस्तर का इतिहास गौरवशाली रहा है। यहां केंद्र सरकार ने भी कई कल्याणकारी योजनाओं के लिए मदद दी है। हिंदुस्तान का सबसे बेहतर लोहा इसी क्षेत्र में होता है, मगर पिछले 60 साल से इस लोहे को विदेशों में भेजा जाता रहा है।" उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य है इस लोहे का इस्तेमाल देश में ही किया जाए। इसलिए बस्तर में अल्ट्रा मेगा इस्पात संयंत्र की स्थापना की जा रही है। जगदलपुर से रावघाट तक रेलवे लाइन का विकास भी किया जा रहा है। 

इसके लिए 24 हजार करोड़ की योजना शुरू की गई। यह किसी भी राज्य के लिए असाधारण उपलब्धि है।" रमन ने कहा, "2018 तक हर घर में शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य को स्लरी पाइपलाइन और पैलेट प्लांट के साथ दिल्ली, राजहरा में पैलेट संयंत्र की सौगात भी मिली है। बस्तर क्षेत्र में अल्ट्रा मेगा इस्पात संयंत्र की स्थापना के साथ जगदलपुर से रावघाट तक रेलवे लाइन के विकास को लेकर भी एमओयू किया गया।"

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