मोदी ईश्वर है, तो उत्सव मनाना और मंदिर बनाना तो अनिवार्य है

मुंबई : महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने एक बार फिर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। शिवसेना ने इस बार सभी थिएटरों में फिल्म शुरु होने से पहले मोदी सरकार की उपलब्धियों पर आधारित डॉक्युमेंट्री को दिखाए जाने के सरकार के फैसले को लेकर वार किया है।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि पीएम ईश्वर के अवतार है, ऐसे बयान बीच-बीच में बीजेपी नेताओं द्वारा जारी किए जाते है। यह अपनी-अपनी श्रद्धा का विषय है। तमिलनाडु में भी जयललिता के समर्थकों ने उन्हें देवी की जगह दे रखी है।

सत्ता में अकसर जो सर्वोच्च पद पर रहते है, उनकी इस तरह की प्रशंसा होती है। अब भगवान का रुप है, तो उत्सव मनाना और मंदिर वगैरह तो बनना ही चाहिए। इस बारे में जानकारी संसदीय वैंकेया नायडू ने दी है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का प्रचार-प्रसार होना चाहिए। साथ ही उन्होने यह भी कहा कि इन योजनाओं को राजनेताओं का नाम दिया जाना चाहिए। किसी भी थिएटर में फिल्म शुरू होने से पहले मोदी सरकार की सफलता की तस्वीर पर्दे पर दिखाना बंधनकारक किया गया है। ऐसी जानकारी श्रीमान नायडू ने दी है।

शिवसेना ने निशाना साधते हुए कहा कि यह तो होना ही था। इसलिए अयोध्या में राम मंदिर बने या न बने, लेकिन नए ईश्वर के श्लोक, मंत्र पठन करने को अनिवार्य बनाया जाएगा, माहौल तो ऐसा ही लग रहा है। नायडू छात्र जीवन से ही राजनीति में है। उन्होने इंदिरा गांधी की तानाशाही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के कारण 20 माह का कारावास भी झेला है।

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