भाजपा की हार पर शिवसेना बोली 'विदर्भ की वेदना भंडारा और गोंदिया में प्रकट हुई है'

मुंबई : विदर्भ की वेदना भंडारा और गोंदिया जिला परिषद चुनाव में प्रकट हुई, यह कहना है शिवसेना का. ऐसा शिवसेना ने तब कहा जब गोंदिया और भंडारा जिला परिषद चुनाव में भाजपा पराजित हुई. शिवसेना ने आगे यह भी कहा कि यदि इस विषय पर गहन विचार कर कुछ सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो फिर समग्र विदर्भ में ऐसे ही परिणाम देखने को मिलेंगे. शिवसेना ने कहा कि इस बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए.

इस सन्दर्भ में शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा गया है कि विदर्भ के सैकड़ों किसानों की आत्महत्या कोई रहस्य नहीं है. किसानों को कर्ज मिलेगा, यह वचन मुख्यमंत्री ने दिया था. पर न सहायता मिली और न ही कर्ज और न ही किसी के घर का चूल्हा जला. ऐसी ही दुर्व्यवस्था में फंसे हजारों किसानों ने मौत को गले लगा लिया. संपादकीय में आगे लिखा गया है, ‘भंडारा और गोंदिया जिला परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को करारी हार मिली है. इन दोनों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस को बहुमत से विजय प्राप्त हुई है. लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में विदर्भ का समग्र जनादेश पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी के समर्थन में था. इसी विदर्भ के कारण महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर भाजपा आसीन है. परंतु उसी विदर्भ ने विधानसभा चुनाव के बाद पहले महत्वपूर्ण चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है.

विदर्भ में भाजपा को मिली हार के विषय में शिवसेना का कहना है कि विदर्भ की वेदना भंडारा और गोंदिया में प्रकट हुई है. फिर समग्र विदर्भ को ‘भंडारा-गोंदिया’ बनने में अधिक समय नहीं लगेगा. संपादकीय में लिखा गया है कि अगर जनता सोचती है कि वर्तमान शासनकाल की अपेक्षा में बीता शासनकाल अच्छा था और इस कुंठा से ग्रसित होकर जनता ने जनादेश का ताज दिया था तो महाराष्ट्र के समाज के मन को पहचान कर सरकार को उचित निर्णय लेने होगे. अब यह आनाकानी नहीं चलेगी कि भंडारा और गोंदिया में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने धनबल का प्रयोग किया है.

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