धर्म के ठेकेदार नहीं चाहते मदरसों का आधुनिकीकरण : शिवसेना

मुंबई : महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य में मदरसों को औपचारिक शिक्षा व्यवस्था से बाहर किए जाने के निर्णय के बाद शिवसेना ने इस मसले पर अपने मुखपत्र सामना में अपना रूख स्पष्ट किया है। इस दौरान शिवसेना ने कहा है कि मुस्लिम धर्म के ठेकेदार मदरसों के आधुनिकीकरण न होने देने के लिए जिम्मेदार हैं। शिवसेना का मानना  है कि मुसलमान स्वतंत्ररूप से विचार करें तो इस तरह की बातें बंद हो जाऐंगी।  हाल ही में शिवसेना के मुखपत्र सामना द्वारा अपने संपादकीय में लिखा गया है कि यदि मुस्लिम समाज आधुनिकता के मार्ग पर चलने लगे तो धर्म का अंधानुकरण बंद हो  जाएगा। इसके बाद मुस्लिम समुदाय भी स्वतंत्र सोच के साथ रहने लगेगा। यदि मदरसों के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं तो गलत  क्या है। कुछ लोगों का यह मानना बेहद गलत है कि इससे इस्लाम खतरे में आ गया है।

सरकार ने यह साफ कहा है कि ऐसे सभी धार्मिक शिक्षा संस्थान जो औपचारिक शिक्षा नहीं दे सकेंगे उन पर यही नियम लागू होगा। दूसरी ओर शिवसेना ने अपना रूख स्पष्ट किया कि मुस्लिम धर्म के ठेकेदारों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता  सफल नहीं होने देना चाहते हैं। मुस्लिमों को स्वतंत्रतौर पर सोचने और विचार करने की जरूरत है।

सरकार मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए पहल कर रही है। मगर  धर्म के ठेकेदार ऐसा नहीं होने देना चाहते। कांग्रेस और धर्म के ठेकेदारों को चिंता है कि आखिर उनका क्या होगा। आखिर मदरसों को आधुनिक शिक्षा देकर मुख्यधारा में  लाए जाने की बात में धार्मिक द्वेष पैदा होने की बात कैसे आ गई। 

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