स्कूल के शौचालयों में जड़ दिए ताले, जाना पड़ रहा है खुले में शौच

श्योपुर : स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिलेभर के स्कूलों में शौचालय निर्माण कराए गए। इसके तहत राज्य शिक्षा केंद्र ने नगर पालिका, जनपद, पीएचई सहित अन्य कई विभागों को निर्माण एजेंसी बनाया। साथ ही एक माह के भीतर काम पूरा करने के निर्देश दिए है। इसके तहत स्कूलों में शौचालयों का तो निर्माण कर दिया गया, लेकिन पानी की कमी के कारण यह शौचालय मात्र एक शोपीस बनकर रह गए और भुगतान नहीं होने के कारण ठेकेदारों ने स्कूलों में बने शौचालयों पर ताले जड़ दिए।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर पालिका परिषद श्योपुर को भी शौचालय बनने के लिए निर्माण एजेंसी बनाई गई। नगर पालिका को शौचालय बनाने के लिए 5 स्कूल दिए गए। जिनमें शौचालय बनवाए गए। सरकार ने एक शौचालय की लागत 1.20 लाख रुपए तय की और राशि संबंधित निर्माण एजेंसी को सौंप दी, लेकिन इसके बाद भी निर्माण एजेंसियों ने ठेकेदारों को अब तक इसका भुगतान नहीं किया। इसी वजह से श्योपुर के 5 स्कूलों में बनाए गए शौचालयों पर भुगतान नहीं होने के कारण ठेकेदारों ने ताले लटका दिए,

जबकि नगर पालिका के उपयंत्री का कहना है कि निर्माण एजेंसी को पानी की व्यवस्था के तहत टंकी बनाकर देनी थी। जिसे स्कूल में तैनात चपरासी द्वारा भरवाया जाना था,लेकिन स्कूलों में चपरासी ही नहीं है ऐसे में बिना पानी के शौचालयों को अब तक शुरू नहीं किया जा सका है, हालांकि विभागीय अफसर भुगतान को लेकर कोई चर्चा करने को तैयार नहीं है। शौचालय बनने के बाद भी स्कूली छात्रों को खुली जगह में शौच करने के लिए जाना पड़ रहा है जिससे स्वच्छ भारत अभियान को ठेंगा मिल रहा है। महत्त्वपूर्ण बात तो यह है कि शौचालय निर्माण कराकर प्रशासन ने शत-प्रतिशत निर्माण कराने का प्रतिवेदन बनाकर केन्द्र और राज्य सरकार को सौंप दिया है। जबकि स्कूलों में बने इन शौचालयों का इस्तेमाल आज तक नहीं हो सका हैं।

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