शीशे का अंजाम तो टूटना ही था

मोहब्बत का कोई कुसूर नहीं उसे तो मुझसे रूठना ही था............................... दिल मेरा शीशे सा साफ़ और शीशे का अंजाम तो टूटना ही था..

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