गुड़ीपड़वा की शायरियां

 

1. आई हैं बहारे, नाचे हम और तुम, पास आये खुशियां और दूर जाए ग़म. प्रकृति की लीला हैं छाई, सभी को दिल से गुड़ी पड़वा की बधाई.

 

2. नया दिन, नयी सुबह, चलो मनाये एक साथ. है यही गुड़ी का पर्व, दुआ करे सदा रहे हम साथ साथ. हैप्पी गुड़ी पड़वा.

 

3. पिछली यादे गठरी में बांधकर, करे नये वर्ष का इंतज़ार. लाये खुशियों की बरात, ऐसी हो गुड़ी पड़वा से परम्परागत शुरुवात. हैप्पी गुड़ी पड़वा.

 

4. वृक्षों पर सजती नये पत्तों की बहार, हरियाली से महकता प्रकृति का व्यवहार. ऐसा सजता हैं गुड़ी का त्यौहार, मौसम ही कर देता नववर्ष का सत्कार. गुड़ी पड़वा की बधाई.

 

5. नौ दुर्गा के आगमन से सजता हैं नव वर्ष, गुड़ी के त्यौहार से खिलता हैं नव वर्ष. कोयल गाती है नववर्ष का मल्हार, संगीतमय सजता प्रकृति का आकार. चैत्र की शुरुवात से होता नव आरंभ, यही हैं हिन्दू नव वर्ष का शुभारम्भ. हैप्पी गुड़ी पड़वा.

 

6. गुड़ी पड़वा की हैं अनेक कथाएं, गुड़ी ही विजय पताका कहलाये. पेड़ पौधों से सजता हैं चैत्र माह, इसलिए हिन्दू धर्म में यह नव वर्ष कहलाये. हैप्पी गुड़ी पड़वा.

 

7. मधुर संगीत का साज खिले, हर एक पल खुशियां ही खुशियां मिले. दिया बाती से सजाओ गुड़ी का यह पर्व, ऐसे ही रोशन रहे नव वर्ष. हैप्पी गुड़ी पड़वा.

 

8. खुशियां हो ओवरफ्लो, मस्ती कभी न हो लो. धन और शोहरत की हो बौछार, ऐसा आये आपके लिए गुड़ी पड़वा का त्यौहार. गुड़ी पड़वा की हार्दिक शुभकामनाएं.

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