Video: मेरे लिए तो मेरी माँ ही काएनात है....

माँ साथ हो तो साया-ए-कुदरत भी साथ है,
माँ के बगेर लगे दिन भी रात है..
 
मै दूर जाऊं तो उसका सर पे हाथ है,
मेरे लिए तो मेरी माँ ही काएनात है..
 
दामन में माँ के सिर्फ वफाओं के फूल हैं,
हम सारे अपनी माँ के क़दमों की धुल है..
 
औलाद के सितम उसे हँस के कबूल हैं,
बच्चों को बक्श देना ही माँ के उसूल हैं.
 
दिन रात उसने पाल पोस के बड़ा किया,
गिरने लगा तो माँ ने मुझे फिर खड़ा किया..
 
ये कामयाबियाँ, इज्ज़त ये नाम तुमसे हैं
ख़ुदा ने जो भी दिया है मकाम तुमसे है
 
तुम्हारे दम से हैं मेरे लहू में खिलते गुलाब
मेरे वजूद का सारा निज़ाम तुमसे है
 
कहाँ बिसात-ए-जहाँ और मैं कमसिन ओ नादाँ
ये मेरी जीत का सब अह्तेमाम तुमसे है
 
जहां जहां है मेरी दुश्मनी सबब मैं हूँ
जहाँ जहाँ है मेरा एहतराम तुमसे है...
 
(From Hindivyakaran.com)

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