शायरी: मोहब्बत में तेरा-मेरा साथ

1.चल चलें ऐसी जगह जहाँ कोई न तेरा हो न मेरा हो,

इश्क़ की रात हो और बस मोहब्बत का सवेरा हो।

 

2. मोहब्बत में हम उन्हें भी हारे है,

जो कहते थे हम सिर्फ तुम्हारे है।

3. तू हज़ार बार भी रूठे तो मना लूँगा तुझे

मगर देख मोहब्बत में शामिल कोई दूसरा ना हो।

4. मरे तो लाखों होंगे तुझ पर

मैं तो तेरे साथ जीना चाहता हूँ।

5. जो दिल के करीब थे ,वो जब से दुश्मन हो गए

जमाने में हुए चर्चे ,हम मशहूर हो गए

6. हँसता हूँ पर दिल में गम भरा है,

याद में तेरे दिल आज भी रो पड़ा है।

7. वजह पूछोगे तो सारी उम्र गुजर जाएगी,

कहा न अच्छे लगते हो तो बस लगते हो।

8. सामने बैठे रहो दिल को करार आयेगा,

जितना देखेंगे तुम्हे उतना ही प्यार आयेगा।

9. मैं ख्वाहिश बन जाऊँ और तू रूह की तलब,

बस यूँ ही जी लेंगे दोनों मोहब्बत बनकर।

 

10.मंजिल भी तुम हो तलास भी तुम हो,

उम्मीद भी तुम हो आस भी तुम हो,

इश्क भी तुम हो जूनून भी तुम ही हो,

एहसास भी तुम हो प्यास भी तुम ही हो।

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