शरीर बेचकर कमा रहीं रोटियाँ बात करते हो बचा लो बेटियाँ सरेआम लूट रही है आबरू घिसटती हुई, खिंचती हुई चोटियाँ जालिमों ने लॉघ दी सारी हदें कानून की उडाकर धज्जियाँ लूट रही मर रही जिंदगी सस्ते मे सियासतदारों की चल रही मर्जियाँ सुरक्षित वाकई मे नही है देश में, मॉ बहन बेटियाँ लानत है, सिर्फ सियासत की खेली जाती है यहॉ गोटियाँ