शनैश्चरी अमावस्या आज, रखे इन जरूरी बातों का ध्यान

शास्त्रों में अमावस्या तथा पूर्णिमा दोनों ही तिथियों को बेहद अहमियत दी गई  है। 4 दिसंबर को मार्गशीर्ष मास की अमावस्या है। मार्गशीर्ष मास को अगहन मास भी बोला जाता है, इसलिए इस अमावस्या को अगहन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस अमावस्या के दिन शनिवार है, इस वजह से इसकी अहमियत और भी बढ़ गई है। जब अमावस्या तिथि शनिवार के दिन पड़ती है तो इसे शनैश्चरी अमावस्या बोला जाता है। साढ़ेसाती, ढैय्या एवं शनि से जुड़े कष्टों से निजात पाने के लिए शनैश्चरी अमावस्या का दिन बहुत शुभ माना जाता है। इस चीजों का रखे ध्यान।।।

  इन बातों का भी रहे खयाल:- 1- शनिदेव के सामने सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करते वक़्त उसमें काली उड़द की साबुत दाल, थोड़े काले तिल तथा एक लोहे की कोई कील या अन्य वस्तु डाल दें। 2- शनिवार के दिन काला या गहरा नीला वस्त्र धारण करना शुभ होता है। इसलिए ऐसे ही रंग के वस्त्र धारण करना उत्तम होगा। शनिदेव को नीला फूल चढ़ाएं। 3- रुद्राक्ष की माला से शनिदेव के मंत्र का जाप करें। कम से कम एक माला करें। 4- पीपल के पेड़ पर जल चढ़ा कर सात बार परिक्रमा करें। 5- शनिदेव का पूजन करते वक़्त उनसे कभी आंख न मिलाएं क्योंकि शनि की वक्र दृष्टि है। सिर झुकाकर नमन करके उनकी उपासना करें।

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