इस बार 15 जनवरी, शनिवार को साल 2022 का पहला शनि प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। नए साल के पहले प्रदोष व्रत का महत्व, मुहूर्त एवं मंत्र के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। जी दरसल इस बार 15 जनवरी, शनिवार को वर्ष 2022 का पहला शनि प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। ऐसे में हम आपको बताते हैं नए साल के पहले प्रदोष व्रत का मुहूर्त एवं मंत्र के बारे में। शनि प्रदोष व्रत-पूजन के मुहूर्त- 15 जनवरी, शनिवार से त्रयोदशी तिथि 14 जनवरी को रात्रि 10:19 मिनट से प्रारंभ होकर 16 जनवरी दोपहर में 12:57 मिनट पर समाप्त होगी। जी हाँ और इस प्रदोष मुहूर्त में विधिपूर्वक शिव जी की पूजा करके उनके मंत्रों का जाप किया जाता है। कहा जाता है जिस समय भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं, उस समय व्यक्ति को जीवन में सबकुछ प्राप्त हो जाता है और व्यक्ति की हर मुराद पूरी हो जाती है। जो लोग 15 जनवरी 2022 को शनि प्रदोष व्रत रख रहे हैं उनके लिए त्रयोदशी पूजन का समय शाम 05:46 मिनट से रात 08:28 मिनट तक रहेगा, अत: इस समय भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। जी दरअसल इस बार शनिवार को राहुकाल का समय प्रात: 9:00 से 10:30 बजे तक रहेगा। ऐसे में आप इस समय में पूजन करने से बचें। मंत्र- - ॐ नम: शिवाय। - ॐ आशुतोषाय नमः। - ॐ शिवाय नम:। - ॐ ह्रीं नमः शिवाय ह्रीं ॐ। - ॐ ऐं ह्रीं शिव गौरीमय ह्रीं ऐं ऊं। - ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।। - महामृत्युंजय मंत्र- ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात्॥ रखा है शनि प्रदोष व्रत तो जरूर पढ़े यह कथा 15 जनवरी को है पहला शनि प्रदोष व्रत, जानिए पूजा विधि जब सूर्य-इंद्र को परास्त कर शनिदेव ने जीता था देवलोक