शनि देव अपने भक्तों का सदैव कल्याण करते हैं। यदि शनि देव की आरती विधि-विधान से की जाए तो शनि देव अति प्रसन्न होते हैं। शनि जयंती को यदि सच्ची श्रद्धा व आस्था से शनि देव की आरती करें तो शनि देव दुनिया का हर सुख अपने भक्तों को प्रदान करते हैं। आरती जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी, जय .... श्याम अंक वक्र-दृष्टि चतुर्भुजाधारी, नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी, जय.... क्रीट मुकुट शीश सहज दीपत है लिलारी मुक्तन की माल गले शोभित बलिहारी, जय.... मोदक और मिष्ठान चढ़े, चढ़ती पान सुपारी लोहा, तिल, तेल, उड़द, महिश है अति प्यारी, जय .... देव दनुज ऋषि मुनि सुरत और नर नारी विश्वनाथ धरत ध्यान हम हैं शरन तुम्हारी, जय ....