शनि के कोप से बचता है शमी

शनि का रौद्र रुप डराता है, उनकी वक्री दृष्टि सिहरन पैदा करती है और उनकी टेढ़ी चाल की आहट मात्र भी भक्तों के जीवन में उथल-पुथल मचा देती है. लेकिन पीपल और शमी दो ऐसे वृक्ष हैं जिन पर शनि का प्रभाव नहीं होता. कहते हैं कि इनकी पूजा से शनिदेव जल्द प्रसन्न हो जाते हैं.

नवग्रहों में शनि महाराज को न्यायाधीश का स्थान प्राप्त है. इसलिए जब शनि की दशा आती है तब जातक को अच्छे बुरे कर्मों का पूर्ण फल प्राप्त होता है. यही कारण है कि शनि के कोप से लोग भयभीत रहते हैं. शनि को खुश करने के लिए शास्त्रों में कई उपाय है जिनमें एक उपाय है वृक्ष पूजन

शमी के वृक्ष पर कई देवताओं का वास एक साथ होता है. यही वजह है कि समस्त यज्ञों में शमी वृक्ष की समिधाओं का प्रयोग अत्यंत शुभ माना गया है. शमी के काँटों का प्रयोग तंत्र-मंत्र बाधा के और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए होता है, तो वहीं शमी के पंचांग यानि फूल, पत्ते, जड़ें, टहनियां और रस का इस्तेमाल कर शनि संबंधी दोषों से जल्द मुक्ति पायी जा सकती है.

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