भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की द्वादशी पर सोमवार का योग होने से मध्यप्रदेश के धार्मिक पर्यटन नगर उज्जैन में आस्था का सैलाब उमड़ा। दरअसल इस दिन इस सत्र के श्रावण - भाद्रपद मास की अंतिम सवारी अर्थात् शाही सवारी का आयोजन हुआ। सवारी का दृश्य विहंगम था। हालात ये थे कि सवारी देखने के लिए देशभर से बड़े पैमाने पर श्रद्धालु उज्जैन उमड़े थे। भगवान श्री महाकाल को शाम करीब 4 बजे विधिवतरूप से चांदी की पालकी में विराजित किया गया। इसके बाद ढोल, नगा़ड़ों, डमरू और शंखों की ध्वनियों के बीच पालकी मंदिर परिसर के बाहर आई। यहां सशस्त्र जवानों ने पुलिस बैड की धुन पर श्री महाकालेश्वर भगवान को गार्ड आॅफ आॅनर दिया। इतना ही नहीं यह सवारी बेहद विशेष रही। दरअसल भाद्रपद मास की अंतिम सवारी होने के कारण यह शाही सवारी रही। इस सवारी का दृश्य विहंगम था। इस सवारी पर श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर से सिंधिया परिवार द्वारा श्री महाकालेश्वर का पूजन किया गया। सवारी देखने के लिए अपार जनसैलाब उमड़ा। भगवान श्री महाकालेश्वर के विभिन्न मुघौटे सवारी में निकाले गए।