सेल्फ़ी लेले रे

पहले मुह चिड़ाना , बेवजह हसना।

अजीब अजीब चेहरे बनाना।

अजीब हरकते करना यह सब।

पागलपंती की निशानिया होती थी।

पर आज सब उसे सेल्फ़ी लेना कहते है ।

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