ऑड-इवन का दूसरा सप्ताह रहा प्रदूषण भराः रिपोर्ट

नई दिल्ली : ऑड-इवन योजना के दूसरे सप्ताह में राजधानी में प्रदूषण अपने चरम पर रहा। इस संबंध में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने सोमवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण को सूचित किया। समिति का कहना है कि दिल्ली में दूसरे चरण में लागू की गई ऑड-इवन योजना के दूसरे सप्ताह 22 से 30 अप्रैल में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया।

क्यों कि इस दौरान हवा की गति धीमी पड़ गई थी। रिहायशी इलाकों में प्रदूषण के मसले पर भी डीपीसीसी का झुकाव इसी तरफ है। साथ ही सड़क के करीब और पास के क्षेत्र में प्रदूषण के रवैये के लिए हवा के बहाव को जिम्मेदार ठहराया गया है।

समिति की ओर से जस्टिस स्वंततर कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश की गई रिपोर्ट में यह कहा गया है। डीपीसीसी रिपोर्ट में ऑड-इवन को तीन विभिन्न अंतरालों में रखा गया है। पहले, योजना के दौरान और बाद की रिपोर्ट नेशनल ग्रीम ट्रिब्यूनल को सौंपी जा चुकी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हवा की गति कम होने के कारण वायु की गुणवत्ता खराब हुई है। इसके अलावा फसल जलाने, कचरा भराव इलाके में आग, उतराखंड के जंगलों में लगी आग को भी प्रदूषण में वृद्धि के लिए जिम्मेदार माना गया है। क्षेत्रीय और अंतर-राज्यीय यातायात की गतिविधि से प्रदूषक साबित हुई और दिल्ली की आबोहवा की गुणवत्ता प्रभावित हुई।

साथ ही एनजीटी से कहा गया है कि हरियाणा, पंजाब के क्षेत्र और दिल्ली के कूड़ा जमा करने वाले स्थानों में आग लगने से प्रदूषण बढ़ने का कारण बना। इस दौरान उत्तराखंड में लगी आग ने भी वायु की गुणवत्ता को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर प्रदूषित किया। रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि योजना के पहले सप्ताह में प्रदूषण का स्तर निम्न था।

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