हिन्दू धर्म में वृक्ष में देवताओं का वास माना गया है.क्या सचमुच वृक्ष में देवताओं का वास होता है या कि वृक्ष महज एक वृक्ष से ज्यादा कुछ नहीं जिसे व्यक्ति कभी भी काटकर जला सकता है और वह वृक्ष उस. व्यक्ति का कुछ नहीं बिगाड़ सकता.क्या यह सच है? आखिर वृक्षों की पूजा के पीछे क्या है वैज्ञानिक, धार्मिक और प्राकृतिक कारण? 1-वृक्ष से हमें भरपूर भोजन प्राप्त होता है, जैसे आम, अनार, सेवफल, अंगूर, केला, पपीता, चीकू, संतरा आदि ऐसे हजारों फलदार वृक्षों की जितनी तादाद होगी, उतना भरपूर भोजन प्राप्त होगा.आदिकाल में वृक्ष से ही मनुष्य के भोजन की पूर्ति होती थी. 2-वृक्ष हमारे जीवन और धरती के पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.वृक्ष से एक और जहां ऑक्सीजन का उत्पादन होता है तो दूसरी ओर यही वृक्ष धरती के प्रदूषण को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.दरअसल, यह धरती के पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलन प्रदान करते हैं. दरअसल, वृक्ष हमारी धरती पर जीवन का प्रथम प्रारंभ हैं.जीवों ने या कहें आत्मा में सर्वप्रथम प्राणरूप में खुद को वृक्ष के रूप में ही अभिव्यक्त किया था.जब धरती पर स्वतंत्र जीव नहीं थे, तब वृक्ष ही जीव थे.यही जीवन का विस्तार करने वाले थे, जो आज भी हैं.