वैज्ञानिकों ने बताया क्यों होते हैं पांडा दो रंगों के ही

पांडा हमे कम ही देखने को मिलते है। वैसे वो होते बहुत ही क्यूट हैं लेकिन इनकी संख्या के कम होने के चलते इन्हें मुश्किल से बचाया जा रहा है। पांडा तो आपने देखा ही है जो ब्लैक एंड वाइट कलर में ही होता है। तो क्या आपने सोचा है कभी ये हमेशा काले और सफ़ेद कलर में ही क्यों होते हैं। तो हम आज आपको बता देते हैं कि ऐसा क्यों होता है।

वैज्ञानिकों ने अब इस बात का पता लगा लिया है और इसके पीछे का कारण क्या है। इसमें ये पता चला है कि जाइंट पांडा के रंग की मदद से उसे जंगल में खुद को छिपाने और दूसरे पांडा से बात-चीत करने में मदद मिलती है। लेकिन इसी के साथ ये भी ज़रूरी नही है कि ये हमेशा दो रंगों में ही हो।

एक स्टडी में पता चला है कि ज़्यादातर पांडा के शरीर का सफ़ेद हिस्सा उनकी गर्दन, चहरे और पेट के आस-पास होता है। ऐसा इसलिए होता है जिससे वो बर्फ़ीले इलाकों में खुद को शिकारी जानवरों से छिपा कर रख सकें। लेकिन वैज्ञानिकों का ये कहना है कि इनका दो रंग इसलिए होता है क्योंकि ये ये बांस खाते हैं और वो इन्हें ढंग से पच नहीं पाता।

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