छात्रों के आगे झुकी सरकार, नहीं बंद होगा नॉन नेट फेलोशिप

नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी व जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी के छात्र संघ समेत 8 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने के बाद यह निर्णय लिया कि नॉन नेट फेलोशिप बंद नहीं की जाएगी। छात्रों के साथ बैठक के बाद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी गई। यह छात्रवृति बंद नही होगी। राज्य विश्वविद्दालयों के छात्रों और डीबीटी को शामिल करने की जरुरत है, ताकि छात्रों को सीधे तौर पर लाभ हो।

इस संदर्भ में राज्यसभा सांसद व सीपीआई(एम) नेता रीताब्राता बनर्जी ने भी स्मृति इरानी को चिठ्ठी लिख इसे न बंद करने की अपील की थी। बता दें कि सरकार ने अचानक 7 अक्टूबर को फेलोशिप बंद करने की घोषणा की थी, जिसका कारण गैर नेट फेलोशिप को लेकर आ रही बहुत शिकायतें बताई गई।

क्या है नॉन नेट फेलोशिप

सरकार द्वारा सेंट्रल युनीवर्सिटी से बिना नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) क्वालिफाई किए पीएचडी करने वाले छात्रों को रिसर्च के लिए प्रति माह फेलोशिप दिया जाता है। जो कि एमफिल वालों को डेढ़ साल तक 5,000 रु व पीएचडी वालों को 8,000 रु प्रति माह मिलता है। इसकी शुरुआत 2008 में हुई थी।   

क्या है डीबीटी

भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी 2013 को डीबीटी अर्थात् डायरेक्ट बेनिफीट ट्रंसफर स्कीम लागू की गई। जिससे सब्सिडी का पैसा सीधे जरुरतमंद के खाते में ही जाएगा।    

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