बैड लोन के लिए एक कमेटी बनाइए और उपाय निकालिएः सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से बैड लोन से निपटने के लिए बैंकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव लाने के लिए कहा। अदालत ने कहा कि सरकार को डिफॉल्टरों से लोन वसूलने का काम भी तेजी से करना चाहिए, न कि केवल यह कह देना चाहिए कि सब कुछ ठीक है।

अदालत ने कहा कि यदि ऐसा होता तो सरकारी बैंको को 1,14,000 करोड़ रुपए की चपत नहीं लगती। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टी एस ठाकुर, जस्टिस आर भानुमति व जस्टिस यू यू ललित ने सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार से कहा कि यह मत कहिए कि वर्तमान सिस्टम सही चल रहा है।

आप रिफॉर्म कीजिए। अगर यह सिस्टम सही चल रहा होता, तो बैंको को इतनी बड़ी रकम राइट ऑफ नहीं करनी पड़ती। अदालत ने कहा कि आप इसके लिए एक कमेटची बना सकते है, जो सुधार के लिए सलाह दे। इस मामले में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि मैं उम्मीद करता हूँ कि इस मामले में आपका स्टैंड कोहिनूर की तरह नहीं होगा।

पीठ ने इसके बाद वित मंत्रालय, रिजर्व बैंक और इंडियन बैंक एसोसिएशन से सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन की याचिका में उठाए गए मुद्दों का जवाब देने के लिए कहा। आगो रोहतगी ने कहा कि देश के बैंकरप्शी कोड को बदला गया है। कानून में भी संसोधन किए जा रहे है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वित मंत्रालय इस मामले में डिबेट करके उपाय निकाले। हालात सुधारने के लिए बहस कीजिए, हम आपकी मदद करेंगे।

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