राहुल गांधी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मानहानि मामले में पुलिस का क्या काम

नई दिल्ली: बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मानहानि मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दिए गए फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि मजिस्ट्रेट ने मामले की खुद जांच करने की बजाए पुलिस से क्यों करवाई। शीर्ष अदलात ने कहा कि मानहानि के मामले में पुलिस का क्या काम था।

अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता ने जो सबूत उपलब्ध कराए थे, उसी के आधार पर मजिस्ट्रेट को निर्णय लेना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि मामले को दोबारा से जांच के लिए मजिस्ट्रेट के पास भेजा जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हाल ही में सुब्रमण्यम स्वामी के मामले में भी इस बात को स्पष्ट किया जा चुका है।

धारा 499/500 के लिए प्रक्रिया को विस्तृत तौर पर समझाया जा चुका है। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से एडिशनल सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता के पेश होने पर राहुल गांधी के वकील कपिल सिब्बल ने नाराजगी जताई। भिवंडी के मजिस्ट्रेट ने मामले को जांच के लिए भाजा था और पुलिस द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी किया।

राहुल ने उसी समन के आदेश को चुनौती दी है। राहुल गांधी के वकील कपिल सिबल ने अदालत से गुहार लगाई कि 12 अगस्त के बाद इस मामले की तारीख रखी जाए, क्योंकि संसद सत्र 12 अगस्त तक है। यह शिकायत राजेश महादेव कुंटे की ओर से दाखिल की गई है।

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